अंबाला में एसवाईएल पर पुल का काम 85 प्रतिशत पूरा, बचे कार्य को भी जल्द पूरा किया जाएगा डिप्टी सीएम

चंडीगढ़, 27 फरवरी। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अम्बाला जिले में तीन नए पुलों का निर्माण एनएच-152 (अम्बाला हिसार रोड) से गांव खैरा तक लिंक रोड पर एसवाईएल नहर, एसवाईएल नहर नरवाना ब्रांच और समानांतर नाले पर किया जा रहा है। उन्होंने यहां विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन के एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि एसवाईएल नहर पर पुल का 85 फीसदी काम पूरा हो चूका। उन्होंने कहा कि एजेंसी के साथ चल रहे मुकदमे के कारण शेष कार्य रुका हुआ है इसलिए अब एजेंसी का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शेष कार्य की निविदा आमंत्रित की जा रही है और यह कार्य 30 सितम्बर 2024 तक पूरा होने की सम्भावना है। इनके अलावा नरवाना शाखा और समानांतर नाले पर पुल का कार्य पूरा हो चुका है।

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पानीपत में उद्योगों के हित में कॉमन बॉयलर लगाने के प्रयास जारी - दुष्यंत चौटाला

सदन में एक अन्य सदस्य सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पानीपत के उद्योगों को लाभकारी बनाने के लिए कॉमन बॉयलर लगाने का सरकार विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि एचएसआईआईडीसी ने पानीपत में सामान्य बॉयलर की फिजिबिलिटी अध्ययन के दोबारा आंकलन के लिए आईआईटी कानपुर को नियुक्त किया है। दुष्यंत चौटाला ने आगे यह भी बताया कि सर्दियों के मौसम में उच्च प्रदूषण स्तर के दौरान एनसीआर में औद्योगिक संचालन को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी), के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों सीएक्यूएम, के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों के अनुसार विनियमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुमोदित ईंधन का उपयोग करके बॉयलरों के संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते उत्सर्जन सहित अन्य सभी लागू पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन किया जाए।

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मोरनी में लैंड मैपिंग के बाद होगा सेटलमेंट का काम उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

एक अन्य सदस्य के सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कालका के मोरनी ब्लॉक में जमीन मैपिंग का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण मैपिंग के कार्य में समय लग रहा है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार ने कई बार सर्वे करने का प्रयास किया है, यहां तक कि ड्रोन से भी कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लैंड मैपिंग के लिए करीब 300 नए रोवर्स खरीदे है। ऐसे में लैंड मैपिंग के बाद ही सेटलमेंट (बंदोबस्त) की दिशा में काम किया जाएगा। दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि मोरनी में सिविलियन और फॉरेस्ट की जमीनों पर एक-दूसरे का कब्जा है, इसलिए पूरे लैंड की मैपिंग का कार्य जरूरी है।