हिसार, 02.05.23-- हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड़ के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने सरसों की सरकारी खरीद बंद करके किसान व आढ़तियों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। किसानों की लाखों मैट्रिक टन सरसों व गेहूं मंडियों में खुले में पड़ी है। सरकार द्वारा किसान की सरसों की खरीद ना करने से किसानों को मजबूरी में अपनी सरसो को औने-पौने दामों पर 4500 से लेकर 5000 रुपए तक प्रति क्विंटल तक बेचनी पड़ रही है जबकि सरसों का सरकारी खरीद 5450 रुपए एमएसपी है सरसों की सरकारी खरीद बंद करने पर किसान व आढ़तियों द्वारा प्रदेश की अनेकों मंडियों में धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बार-बार घोषणा की थी कि किसान की सरसों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। बजरंग गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री का सरसों का एक-एक दाना खरीद करने का दावा झूठ का पुलिंदा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार सरसों की पैदावार 13 लाख 89 हजार मैट्रिक टन हुई है और सरकार ने सिर्फ 3 लाख 47 हजार मैट्रिक टन खरीद की है। सरकार ने सरसों की पैदावार की सिर्फ अब तक 25 प्रतिशत सरसों की ही खरीद की है जिसका अभी तक भुगतान तक नहीं हुआ है। सरकार ने सरसों की खरीद 10 मई तक करने की बात की थी, यह सरकार सिर्फ घोषणाओं की सरकार है जो झूठी घोषणाएं व सिर्फ वयादे करती है। केंद्र व प्रदेश सरकार की घोषणा सिर्फ जुमला तक सीमित रहता है। बजरंग गर्ग ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील की है कि वह अपने वयादे के अनुसार किसानों की सारी सरसों एमएसपी पर सरकारी खरीद करें। किसानों को अपनी सरसो मजबूरी में 4500 से 5000 रुपए तक प्रति क्विंटल बेची है। सरकार को भावांतर योजना के तहत किसानों को सरसों का तुरंत भुगतान किया जाए और सरकार को हर अनाज की खरीद पर पहले की तरह आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत कमीशन दिया जाए जबकि सरकार ने गेहूं, सरसों, धान पर आढ़तियों का कमीशन कम करके आढ़तियों के साथ ज्यादति करने का काम किया है जिसके कारण आढ़तियों में सरकार के प्रति बड़ी भारी नाराजगी है। इस अवसर पर अनाज मंडी प्रधान रामअवतार गोयल, अनाज मंडी जिला प्रधान पवन गर्ग, हॉस्पिटल प्रधान अनिल जैन, खल चुरी एसोसिएशन प्रधान त्रिलोक कंसल, मंदिर प्रधान अशोक गुप्ता, व्यापार मंडल प्रदेश सचिव निरंजन गोयल, उप प्रधान जगदीश गोदारा, बजरंग असरावां, संजय नागपाल, सत्य प्रकाश आर्य, राहुल गर्ग आदि व्यापारी प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे।