हिसार, 01.05.23-- हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड़ के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग व किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सवित मलिक यूपी व राष्ट्रीय उपप्रधान स्वामी इंद्र कुरुक्षेत्र के साथ गर्ग के निवास स्थान सेक्टर 14 में मीटिंग हुई। इस बैठक में सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण गेहूं व सरसों भीगने व फसल का उठान व भुगतान समय पर ना होने पर गंभीर चिंता प्रकट की।
इस अवसर पर व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा के कई जिलों में बारिश होने के कारण गेहूं व सरसों भीग गई है। मंडियों में आज भी लाखों टन गेहूं व सरसों खरीद का उठान नहीं हुआ है। जिसके कारण प्रदेश के किसान व आढ़तियों को बड़ी भारी दिक्कतें आ रही है जबकि रविवार व सोमवार को प्रदेश के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, झज्जर, गुरुग्राम, रोहतक, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला, कैथल, जींद, पानीपत जिलों में हल्की बारिश हुई है। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी अधिकारी व अनाज उठान के ठेकेदारों की लापरवाही के कारण गेहूं व सरसों उठान में देरी होने के कारण किसानों की फसल का भुगतान में देरी हो रही है और बार-बार गेहूं व सरसों गिली होने के कारण खराब हो रही है उसके लिए सरकार को सरकारी अधिकारियों की लापरवाही पर उनकी जिम्मेदारी फिक्स करनी चाहिए और गेहूं व सरसों के नुकसान की भरपाई सरकारी अधिकारी से करनी चाहिए जबकि बार-बार मौसम विभाग द्वारा मौसम खराब होने हल्की बारिश हरियाणा में होने की जानकारी दे रहा है। 1 मई से 7 मई तक प्रदेश में हल्की बारिश होने की जानकारी मौसम विभाग दे रहा है। सरकार को तुरंत प्रभाव से खुले में जो गेहूं व सरसों पड़ा है। उसका उठान 48 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए। सरकारी अधिकारी‌ व अनाज उठान के ठेकेदार पैसे खाने के चक्कर में अनाज उठान में देरी कर रहे हैं। गेहूं का उठान ना होने से काफी जिलों में 16 अप्रैल की गेहूं का अब तक किसानों का भुगतान तक नहीं हुआ है। जब तक गेहूं खरीद का उठान होकर सरकारी गोदाम में नहीं लग जाता तब तक सरकार की तरफ से किसानों को गेहूं खरीद का भुगतान नहीं होता जबकि मुख्यमंत्री का 48 घंटे में गेहूं का उठान व 72 घंटे में भुगतान के सभी दावे फेल सिद्ध हुए हैं। गेहूं व सरसों की समय पर खरीद, उठान व फसल का भुगतान ना होने से किसान बर्बादी की करार पर है। सरकार को किसान की फसल मंडी में आते ही उसकी खरीद करके तुरंत भुगतान करना चाहिए जो सरकार नहीं कर रही है। केंद्र व प्रदेश सरकार से किसान व आढ़ती बेहद दुखी है और इस सरकार से मुक्ति चाहता है।