Chandigarh,15th April-आईसीसीआर, भारत सरकार एवं प्राचीन कला केन्द्र के सहयोग से नृत्य की विशेष संध्या प्रस्तुत की गई । इस कार्यक्रम में कत्थक नृत्यांगना आसावरी पवार एवं उनके समूह ने सुंदर प्रस्तुतियां पेश करके चार चाॅंद लगा दिए । इस कार्यक्रम का आयोजन सैक्टर 35 स्थित एम.एल.कौसर सभागार में किया गया ।
आसावरी पवार न केवल एक कत्थक नृत्यांगना है बल्कि एक सधी हुई लेखिका,गुरू,कला समीक्षक एवं टेलीविज़न प्रस्तुता भी हैं । इन्होंने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रस्तुतियां पेश करके अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन किया है । इसके अलावा इन्होंने बहुत से राष्ट्ीय एवं अंर्तराष्ट्ीय अवार्ड भी प्राप्त किए हैं ।
इन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना ‘‘प्रथम सुमिरन श्री गणेश’’ से की । उपरांत आधुनिक और पारम्परिक फयूज़न पर आधारित रचना पेश की । कार्यक्रम के अगले भाग में आसावरी पवार द्वारा एकल प्रस्तुति दी गई । जिसमें उन्होंने चतुरंग प्रस्तुत किया । जिसके बोल थे ‘छनन छुम बाजे पेजनिया’ उपरांत मल्हार राग पर आधारित सुंदर नृत्य प्रस्तुति दी गई । इसके पश्चात जयपुर घराने की प्रसिद्ध ठुमरी ‘छाड़ो लंगर बईंया’ पर विशेष नृत्य प्रस्तुति पेश की गई । कार्यक्रम के आखिरी भाग में आसावरी के समूह द्वारा ‘बरसे बदरिया सावन की ’ अन्य सुंदर प्रस्तुतियां पेश की गई । कार्यक्रम का समापन तराना धमार जोकि भैरवी राग पर निबद्ध था से किया गया ।
कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्ार डाॅ.शोभा कौसर,सचिव श्री सजल कौसर एवं आईसीसीआर की रीज़नल डायरेक्टर नलिनी सिंघल द्वारा कलाकारों को सम्मानित किया गया ।