CHANDIGARH, 16.06.22-श्रीमती गंधर्व वर्मा की पहली पुण्यतिथि पर इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन प्राचीन कला केन्द्र द्वारा यहां केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में खूबसूरत गजलों से सजी शाम का आयोजन किया गया । जिसमें कोलकाता की प्रसिद्ध गायिका रागेश्री दास द्वारा गजल,ठुमरी,दादरा इत्यादि की खूबसूरत एवं मनमोहक प्रस्तुति पेश की गई । इस कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र की कार्यकारिणी समिति की पूर्व मेंबर एवं एक विलक्षण कलाकार स्वर्गीय श्रीमती गंधर्व वर्मा की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर किया गया ।

आज के कार्यक्रम की कलाकार डाॅ.रागेश्री दास युवा पीढ़ी की बेहद प्रतिभावान एवं आकर्षक कलाकार है । इन्होंने अपने पिता पुरनेनंदू दास के अलावा गुरू पंडित मोहन लाल मिश्रा एवं विदुषी रीता गांगुली से शिक्षा प्राप्त की । इन्होंने देशभर मे अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों के दिल में खास जगह बनाई ।

आज के कार्यक्रम की शुरूआत इन्होंने मीर की खूबसूरत गजल फिर मुझे दीदारे तरज़ याद आया से की । इसके उपरांत इन्होंने एक और खूबसूरत गीत अपने चेहरे से जो जाहिर है और दिल नादान तुझे हुआ क्या है पेश करके खूब तालियां बटोरी । इसके पश्चात कुछ और खूबसूरत गजल फासले ऐसे भी होंगे ,रस्में उल्फत सिखा गया, कोई वो दिल नवाज है जैसी गजले पेश करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । इसके बाद इन्होंने एक मधुर दादरा साजन मेरा छोड़ गया पेश किया और अंत में राग भैरवी पर आधारित रचना मृगनयनी तोरी आंख पेश की ।

कार्यक्रम में इनके साथ तबले पर शहर की प्रसिद्ध तबला वादक आविर्भाव वर्मा,हारमोनियम पर तरूण जोशी एवं सारंगी पर कोलकाता के अल्ला रक्खां कलावंत ने बखूबी साथ दिया । केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर ने बखूबी मंच संचालन किया और डाॅ.शोभा कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।