CHANDIGARH,21.05.22-शहर की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आज सैक्टर 16 स्थित एम.एस.रंधावा सभागार में एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । केन्द्र पिछले छः वर्षो से लगातार भारतीय कला एवं सांस्कृतिक को संवारने एवं बढ़ावा देने का जटिल कार्य सफलतापूर्वक करता आ रहा है । वहीं दूसरी ओर उभरते युवा कलाकारों को पनपने के लिए मंच भी प्रदान करता आ रहा है ।
केन्द्र में नृत्य का प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थीयों के लिए 2016 से चली आ रही परम्परा के मासिक कड़ी के तहत आज कत्थक नृत्य की सुंदर प्रस्तुतियां पेश की गई । आज के कार्यक्रम में केन्द्र के नृत्य विभाग में बतौर कत्थक गुरू कार्यरत गुरू ब्रज मोहन गंगानी एवं गुरू योगेश शर्मा के शिष्यत्व में नृत्य सीख रहे छात्रों द्वारा कत्थक नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुतियां पेश की गई । इस कार्यक्रम में लगभग 45 छात्रों ने भाग लिया ।
आज के कार्यक्रम की शुरुआत गुरू ब्रज मोहन गंगानी के छात्रों द्वारा गुरू वंदना ‘‘गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु’’ से की गई । इसमें 13 विद्यार्थियों ने प्रस्तुति पेश की उपरांत एक और गुरू वंदना जिसके बोल थे ‘‘धरा गगन चहुं दिशा’’ पेश की गई । जिसमें कलाकारों ने कत्थक नृत्य के माध्यम से गुरू वंदना प्रस्तुति पेश की । इसके पश्चात विष्णु स्तुति ‘‘शांताकारम् भुजगशयनम्’’ पेश की गई । सुंदर भाव और नृत्य के खूबसूरत समावेश पेश करके कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया ।

कार्यक्रम के अगले भाग में कलाकारों ने ताल पंचम सवारी और तीन ताल पर आधारित कत्थक नृत्य के पारम्परिक भाग में तोड़े,टुकड़े,आमद,परन इत्यादि का खूबसूरत प्रदर्शन किया । साथ ही तराना पेश करके छात्रों ने खूब तालियां बटोरी ।

इसके पश्चात गुरू योगेश शर्मा के छात्रों ने प्रस्तुतियां पेश की । सबसे पहले गणेश वंदना ‘‘वक्रतुंड महाकाय’’ से कलाकारों ने शुरुआत की । जिसमें 11 छात्रों ने प्रस्तुति दी । इसके उपरांत नृत्य नाटिका ‘‘द्रौपदी चीर हरण’’ पेश किया गया । जिसमें नृत्य के माध्यम से द्रोपदी के चीर हरण के मार्मिक दृश्य को पेश किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । कार्यक्रम के अंत में शिव स्तुति पेश की गई जिसके बोल थे ‘‘शिव शंकर जय गंगाधर’’ । इनके साथ मंच पर पढंत पर गुरू योगेश शर्मा,उन्नति शर्मा ने गायन और,राजेश शर्मा ने सारंगी पर और पार्थ सेन ने सितार पर बखूबी संगत की ।
कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर और केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर ने छात्रों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए और गुरूओं को सम्मानित किया गया।