CHANDIGARH,21.12.21-प्राचीन कला केंद्र द्वारा आज यहाँ प्राचीन कला केंद्र के 35 स्थित काम्प्लेक्स में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कांफ्रेंस का प्रयोजन केंद्र द्वारा आयोजित किये जा रहे दो कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी देना था। इस अवसर पर केंद्र की रजिस्ट्रार एवं कत्थक गुरु डॉ शोभा कौसर, प्रोजेक्ट प्लानिंग विभाग के निदेशक श्री आशुतोश महाजन, युवा कलाकार अंकिता गुप्ता , प्रख्यात कलाकार श्री सिद्धार्थ भी उपस्थित थे। इस अवसर पर केंद्र के नए सदस्य और कौसर परिवार की तीसरी पीढी पार्थ कौसर भी उपस्थित थे

प्राचीन कला केंद्र इस वर्ष की विदाई न केवल दृश्य कला के खूबसूरत नमूने के साथ साथ संगीतमई संध्या से करना चाहता है और साथ ही नव वर्ष के आगमन से पहले कला एवं संगीत प्रेमियों को संगीत से सजी शाम की मधुर यादों से सराबोर करना चाहता है। इसी सुरमई सोच से उपरोक्त दोनों कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

21 से 25 दिसंबर शहर की युवा कलाकार अंकिता गुप्ता द्वारा रचित खूबसूरत कलाकृतियों की सुन्दर प्रदर्शनी

कला और संस्कृति को समर्पित प्राचीन कला केंद्र संगठन शहर की एक युवा और बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार अंकिता गुप्ता द्वारा नवीन कला कृतियों को प्रदर्शित करते हुए एक अनूठी कला कृतियों का आयोजन करने जा रहा है।

प्रख्यात कलाकार श्री सिद्धार्थ इस प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और 21 दिसंबर को शाम 5:00 बजे इसका उद्घाटन करेंगे।

श्री मदन लाल, मानद सचिव, पंजाब ललित कला अकादमी भी इस अवसर पर शिरकत करेंगे।

यह प्रदर्शनी 22 से 25 दिसंबर तक रोजाना सुबह 10:00 बजे से रात 8:00 बजे तक देखी जा सकेगी। प्रदर्शनी केंद्र के 35 सेक्टर परिसर में पीकेके आर्ट गैलरी में आयोजित की जाएगी।

अंकिता गुप्ता श्री राज कुमार, एस. सिद्धार्थ और उनके पिता आर.के. गुप्ता जो स्वयं शहर के जाने माने कलाकार हैं , जैसे कलाकारों के संरक्षण में पली-बढ़ी। ।

एक कलाकार के घर जन्मी और खुद रचनात्मकता में निपुण अंकिता गुप्ता सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से विज़ुअलाइज़ेशन में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने सृष्टि आर्ट कॉलेज से विज़ुअलाइज़ेशन में पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा किया।

मास्टरपीस बनाने के लिए अपने पिता के साथ साझेदारी करने से पहले, उन्होंने 7 साल तक डिजिटल चित्रकार के रूप में काम किया। अपने पिता की कार्यशाला के आस

पास पड़ी खूबसूरत कला के साथ और नई चीजें सीखने की उनकी बच्चों जैसी जिज्ञासा ने उन्हें गोंड, वारली, आदिवासी और अफ्रीकी जनजातीय कला जैसे विभिन्न कला रूपों की समझने का अवसर दिया ।उनके विचार में “कला का कोई उद्देश्य नहीं होता। यह बस प्रवाहित होती रहती है और फिर भी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए जीवंत रूप में उपस्थित रहती है । इसकी सुंदरता इसकी अनिश्चितता में है।"

आध्या का जन्म अनिश्चितताओं से हुआ था।आध्या का लक्ष्य विलुप्त कला रूपों के लिए कला प्रेमियों को उत्साहित करना को फिर से प्रज्वलित करना और दुनिया के सभी कोनों में उनकी विशिष्टता को जीवित रखना है।

अंकिता जैसे शिक्षार्थी के लिए सांस्कृतिक कलात्मकता की विभिन्न बारीकियों पर काम करना स्वाभाविक है, जो आध्या द्वारा बनाये गए कला के खूबसूरत रचनाओं को काफी अद्वितीय और विशिष्ट बनाता है।

दो दिवसीय संगीतमयी संध्या हेमंतोत्सव

प्राचीन कला केंद्र २७ एवं २८ दिसंबर को संगीत , सुर और ताल से सजे हेमंतोत्सव का आयोजन करने जा रहा है। जाते हुए वर्ष की विदाई और आने वाले वर्ष का स्वागत करने हेतु इस दो दिवसीय संगीत संध्या का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जानी मानी शास्त्रीय गायिका सान्या पाटनकर एवं प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक एवं संगीत रचयता डॉ गन्धर्व वर्मा अपनी मधुर प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्र के ऍम एल कौसर सभागार में सायं 6 बजे से किया जायेगा।

प्राचीनकलाकेंद्रद्वाराप्रेसकांफ्रेंसकाआयोजन

प्राचीन कला केंद्र द्वारा आज यहाँ प्राचीन कला केंद्र के 35 स्थित काम्प्लेक्स में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कांफ्रेंस का प्रयोजन केंद्र द्वारा आयोजित किये जा रहे दो कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी देना था। इस अवसर पर केंद्र की रजिस्ट्रार एवं कत्थक गुरु डॉ शोभा कौसर, प्रोजेक्ट प्लानिंग विभाग के निदेशक श्री आशुतोश महाजन, युवा कलाकार अंकिता गुप्ता , प्रख्यात कलाकार श्री सिद्धार्थ भी उपस्थित थे। इस अवसर पर केंद्र के नए सदस्य और कौसर परिवार की तीसरी पीढी पार्थ कौसर भी उपस्थित थे

प्राचीन कला केंद्र इस वर्ष की विदाई न केवल दृश्य कला के खूबसूरत नमूने के साथ साथ संगीतमई संध्या से करना चाहता है और साथ ही नव वर्ष के आगमन से पहले कला एवं संगीत प्रेमियों को संगीत से सजी शाम की मधुर यादों से सराबोर करना चाहता है। इसी सुरमई सोच से उपरोक्त दोनों कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

21 से 25 दिसंबर शहर की युवा कलाकार अंकिता गुप्ता द्वारा रचित खूबसूरत कलाकृतियों की सुन्दर प्रदर्शनी

कला और संस्कृति को समर्पित प्राचीन कला केंद्र संगठन शहर की एक युवा और बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार अंकिता गुप्ता द्वारा नवीन कला कृतियों को प्रदर्शित करते हुए एक अनूठी कला कृतियों का आयोजन करने जा रहा है।

प्रख्यात कलाकार श्री सिद्धार्थ इस प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और 21 दिसंबर को शाम 5:00 बजे इसका उद्घाटन करेंगे। श्री मदन लाल, मानद सचिव, पंजाब ललित कला अकादमी भी इस अवसर पर शिरकत करेंगे। यह प्रदर्शनी 22 से 25 दिसंबर तक रोजाना सुबह 10:00 बजे से रात 8:00 बजे तक देखी जा सकेगी। प्रदर्शनी केंद्र के 35 सेक्टर परिसर में पीकेके आर्ट गैलरी में आयोजित की जाएगी।

अंकिता गुप्ता श्री राज कुमार, एस. सिद्धार्थ और उनके पिता आर.के. गुप्ता जो स्वयं शहर के जाने माने कलाकार हैं , जैसे कलाकारों के संरक्षण में पली-बढ़ी। । एक कलाकार के घर जन्मी और खुद रचनात्मकता में निपुण अंकिता गुप्ता सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से विज़ुअलाइज़ेशन में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने सृष्टि आर्ट कॉलेज से विज़ुअलाइज़ेशन में पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा किया।

मास्टरपीस बनाने के लिए अपने पिता के साथ साझेदारी करने से पहले, उन्होंने 7 साल तक डिजिटल चित्रकार के रूप में काम किया। अपने पिता की कार्यशाला के आस-पास पड़ी खूबसूरत कला के साथ और नई चीजें सीखने की उनकी बच्चों जैसी जिज्ञासा ने उन्हें गोंड, वारली, आदिवासी और अफ्रीकी जनजातीय कला जैसे विभिन्न कला रूपों की समझने का अवसर दिया ।उनके विचार में “कला का कोई उद्देश्य नहीं होता। यह बस प्रवाहित होती रहती है और फिर भी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए जीवंत रूप में उपस्थित रहती है । इसकी सुंदरता इसकी अनिश्चितता में है।"


आध्या का जन्म अनिश्चितताओं से हुआ था।आध्या का लक्ष्य विलुप्त कला रूपों के लिए कला प्रेमियों को उत्साहित करना को फिर से प्रज्वलित करना और दुनिया के सभी कोनों में उनकी विशिष्टता को जीवित रखना है।

अंकिता जैसे शिक्षार्थी के लिए सांस्कृतिक कलात्मकता की विभिन्न बारीकियों पर काम करना स्वाभाविक है, जो आध्या द्वारा बनाये गए कला के खूबसूरत रचनाओं को काफी अद्वितीय और विशिष्ट बनाता है।

दो दिवसीय संगीतमयी संध्या हेमंतोत्सव

प्राचीन कला केंद्र २७ एवं २८ दिसंबर को संगीत , सुर और ताल से सजे हेमंतोत्सव का आयोजन करने जा रहा है। जाते हुए वर्ष की विदाई और आने वाले वर्ष का स्वागत करने हेतु इस दो दिवसीय संगीत संध्या का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जानी मानी शास्त्रीय गायिका सान्या पाटनकर एवं प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक एवं संगीत रचयता डॉ गन्धर्व वर्मा अपनी मधुर प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्र के ऍम एल कौसर सभागार में सायं 6 बजे से किया जायेगा।

प्राचीनकलाकेंद्रद्वाराप्रेसकांफ्रेंसकाआयोजन

प्राचीन कला केंद्र द्वारा आज यहाँ प्राचीन कला केंद्र के 35 स्थित काम्प्लेक्स में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कांफ्रेंस का प्रयोजन केंद्र द्वारा आयोजित किये जा रहे दो कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी देना था। इस अवसर पर केंद्र की रजिस्ट्रार एवं कत्थक गुरु डॉ शोभा कौसर, प्रोजेक्ट प्लानिंग विभाग के निदेशक श्री आशुतोश महाजन, युवा कलाकार अंकिता गुप्ता , प्रख्यात कलाकार श्री सिद्धार्थ भी उपस्थित थे। इस अवसर पर केंद्र के नए सदस्य और कौसर परिवार की तीसरी पीढी पार्थ कौसर भी उपस्थित थे

प्राचीन कला केंद्र इस वर्ष की विदाई न केवल दृश्य कला के खूबसूरत नमूने के साथ साथ संगीतमई संध्या से करना चाहता है और साथ ही नव वर्ष के आगमन से पहले कला एवं संगीत प्रेमियों को संगीत से सजी शाम की मधुर यादों से सराबोर करना चाहता है। इसी सुरमई सोच से उपरोक्त दोनों कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

21 से 25 दिसंबर शहर की युवा कलाकार अंकिता गुप्ता द्वारा रचित खूबसूरत कलाकृतियों की सुन्दर प्रदर्शनी

कला और संस्कृति को समर्पित प्राचीन कला केंद्र संगठन शहर की एक युवा और बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार अंकिता गुप्ता द्वारा नवीन कला कृतियों को प्रदर्शित करते हुए एक अनूठी कला कृतियों का आयोजन करने जा रहा है।

प्रख्यात कलाकार श्री सिद्धार्थ इस प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और 21 दिसंबर को शाम 5:00 बजे इसका उद्घाटन करेंगे। श्री मदन लाल, मानद सचिव, पंजाब ललित कला अकादमी भी इस अवसर पर शिरकत करेंगे। यह प्रदर्शनी 22 से 25 दिसंबर तक रोजाना सुबह 10:00 बजे से रात 8:00 बजे तक देखी जा सकेगी। प्रदर्शनी केंद्र के 35 सेक्टर परिसर में पीकेके आर्ट गैलरी में आयोजित की जाएगी।

अंकिता गुप्ता श्री राज कुमार, एस. सिद्धार्थ और उनके पिता आर.के. गुप्ता जो स्वयं शहर के जाने माने कलाकार हैं , जैसे कलाकारों के संरक्षण में पली-बढ़ी। । एक कलाकार के घर जन्मी और खुद रचनात्मकता में निपुण अंकिता गुप्ता सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से विज़ुअलाइज़ेशन में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने सृष्टि आर्ट कॉलेज से विज़ुअलाइज़ेशन में पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा किया।

मास्टरपीस बनाने के लिए अपने पिता के साथ साझेदारी करने से पहले, उन्होंने 7 साल तक डिजिटल चित्रकार के रूप में काम किया। अपने पिता की कार्यशाला के आस-पास पड़ी खूबसूरत कला के साथ और नई चीजें सीखने की उनकी बच्चों जैसी जिज्ञासा ने उन्हें गोंड, वारली, आदिवासी और अफ्रीकी जनजातीय कला जैसे विभिन्न कला रूपों की समझने का अवसर दिया ।उनके विचार में “कला का कोई उद्देश्य नहीं होता। यह बस प्रवाहित होती रहती है और फिर भी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए जीवंत रूप में उपस्थित रहती है । इसकी सुंदरता इसकी अनिश्चितता में है।"


आध्या का जन्म अनिश्चितताओं से हुआ था।आध्या का लक्ष्य विलुप्त कला रूपों के लिए कला प्रेमियों को उत्साहित करना को फिर से प्रज्वलित करना और दुनिया के सभी कोनों में उनकी विशिष्टता को जीवित रखना है।

अंकिता जैसे शिक्षार्थी के लिए सांस्कृतिक कलात्मकता की विभिन्न बारीकियों पर काम करना स्वाभाविक है, जो आध्या द्वारा बनाये गए कला के खूबसूरत रचनाओं को काफी अद्वितीय और विशिष्ट बनाता है।

दो दिवसीय संगीतमयी संध्या हेमंतोत्सव

प्राचीन कला केंद्र २७ एवं २८ दिसंबर को संगीत , सुर और ताल से सजे हेमंतोत्सव का आयोजन करने जा रहा है। जाते हुए वर्ष की विदाई और आने वाले वर्ष का स्वागत करने हेतु इस दो दिवसीय संगीत संध्या का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जानी मानी शास्त्रीय गायिका सान्या पाटनकर एवं प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक एवं संगीत रचयता डॉ गन्धर्व वर्मा अपनी मधुर प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्र के ऍम एल कौसर सभागार में सायं 6 बजे से किया जायेगा।