CHANDIGARH,05.12.21-प्राचीन कला केंद्र द्वारा 5 दिसंबर को टैगोर थिएटर के मिनी ऑडिटोरियम में प्रसिद्द ग़ज़ल गायक स्वर्गीय श्री जगजीत सिंह की याद में एक ग़ज़लों भरी शाम का आयोजन किया गया जिस में शहर के जाने माने संगीत निर्देशक एवं ग़ज़ल गायक अर्जुन जयपुरी अपनी ग़ज़ल गायिकी से ग़ज़ल प्रेमियों की खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम का आयोजन सायं 6 बजे से किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कत्थक गुरु डॉ शोभा कौसर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की

अर्जुन जयपुरी ने संगीत के बहुत से क्षेत्रों में अपनी बहु आयामी प्रतिभा के बल पर न केवल एक ऐसा मक़ाम हासिल किया है बल्कि नए आयाम भी बनाये हैं। आज अर्जुन ने सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह जी की याद में इस शाम को संजोया।

उन्होंने ने कार्यक्रम की शुरुआत बेहतरीन ग़ज़ल "बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी " से की उपरांत अर्जुन ने बहुत सी खूबसूरत ग़ज़लों से दर्शकों को सराबोर कर दिया। उन्होंने ने "सरकती जाये है रुख से", "दोस्त बन बन के मिले " , " कल चौहदवीं की रात थी ", " अपनी आंखों के समंदर में उतर जाने दे " इत्यादि ग़ज़लें पेश की जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इस के बाद अर्जुन ने कुछ और प्रसिद्ध ग़ज़लों से शाम को यादगारी बना दिया। झुकी झुकी सी नज़र , होश वालों को खबर क्या , "प्यार का पहला खत लिखने में "," तेरे खुशबू से भरे खत मैं जलाता कैसे " और कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे " प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के अंत में अर्जुन ने जगजीत जी की उम्दा ग़ज़ल " चिठ्ठी न कोई सन्देश जाने वो कौन सा देश " गा कर दर्शकों को भावुक कर दिया। इनके साथ मंच पर वॉयलिन पर उनस वारसी , गिटार पर मुनीश सचदेवा एवं गोल्डी सिंह , तबले अपर चेतन शर्मा , ढोलक पर सुरेश नायक और रिथम पर विजय नायक ने बखूबी संगत की। कार्यक्रम के अंत में केंद्र के सचिव श्री सजल कोसर ने कलाकारों को सम्मानित किया।