CHANDIGARH,10.10.21-प्राचीन कला केन्द्र की सांस्कृतिक गतिविधियां हर दिन नए आयाम लिख रही है क्योंकि केन्द्र का मुख्य उदेश्य ही कला का प्रचार प्रसार एवं विकास है। केन्द्र पिछले छः दशकों से भारतीय कलाओं के प्रचार एवं प्रसार हेतु निरंतर कार्यरत है। नई पीढ़ी को शास्त्रीय कलाओं से अवगत करवाने हेतु केन्द्र कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम की पेशकश पिछले कई वर्षो से करता आ रहा है ।इसके साथ-साथ केन्द्र युवा पीढ़ी एवं बच्चों को शास्त्रीय कलाओं का प्रशिक्षण देने का कार्य भी सफलतापूर्वक कर रहा है । हर वर्ष केन्द्र द्वारा शास्त्रीय नृत्य कत्थक पर आधारित नृत्य नाटिकाओं का सुंदर प्रस्तुतिकरण दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा है। इसी कड़ी में केंद्र द्वारा नृत्य नाटिका गंगा का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का आयोजन संगीत नाटक अकादमी नयी दिल्ली के तत्वाधान में किया गया।

डॉ.समीरा कौसर के निर्देशन में अब तक संकल्प,ऋतुरास,आत्ममंथन,राधा की अनकही प्रेम गाथा एवं अनन्त स्वरूपा जैसी कई नृत्य नाटिकाओं का सफल प्रस्तुतिकरण किया जा चुका है जिसे दर्शकों की खूब सराहना भी प्राप्त हुई है ।

डॉ.समीरा कौसर एक सधी हुई कत्थक नृत्यांगना होने के साथ एक सफल नृत्य निर्देशिका भी हैं और पिछले तीन दशकोें से केन्द्र से जुड़ी हैं । आज के इस कार्यक्रम का आयोजन टैगोर थियेटर में सायं 6 30 बजे से किया गया जाने माने टीवी कलाकार गिरिजा शंकर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। । इस अवसर पर केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर भी उपस्थित थे ।।इस कार्यक्रम में करीब 25 कलाकारों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का आरंभ गंगा वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत हुई । उपरांत भागीरथ की तपस्या से शुरू हुई गंगा की कहानी जिसमें गंगा के धरती पर अवतरण से लेकर गंगा के वर्तमान स्वरूप पर प्रकाश डालती ये कथा दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है । इसमें डॉ.समीरा कौसर के अलावा उनकी 25 शिष्याओं ने भाग लिया ।कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया