CHANDIGARH,19.08.21-प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित किए जा रहे छः दिवसीय आजादी के अमृत महोत्सव के चौथे दिन चंडीगढ़ के युवा एवं प्रतिभाशाली शास्त्रीय गायक धु्रव शर्मा ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया । इस कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में किया और साथ ही केंद्र के अधीकृत यूटयूब एवं फेसबुक पेज पर भी इसका लाइव प्रसारण किया गया ।

आज के गायक ध्रुव शर्मा ने बहुत अल्पायु से संगीत सीखना शुरू किया और संगीत की बारीकियां अपने गुरू पंडित अजय चक्रवर्ती से सीखीं । इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे ध्रुव ने ये साबित कर दिया है कि कला और पढ़ाई को साथ-साथ किस तरह बखूबी निभाया जाता है । बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन के विजेता ध्रुव ने बहुत से शानदार कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करके संगीत जगत में अपनी जगह बनाई है ।
आज के कार्यक्रम की शुरुआत ध्रुव ने राग पूरिया धनाश्री से की जिसमें आलाप के पश्चात बंदिश ‘‘बलि बलि जाउं’’ प्रस्तुत की । विलंबित एकताल की इस बंदिश के पश्चात ध्रुव ने द्रुत ख्याल तीन ताल में निबद्ध ‘‘पायलीया झंकार मोरी’’ बोलों से सजी बंदिश पेश की । इसके पश्चात राग अभोगी में तीन ताल में निबद्ध बंदिश ‘‘बालम घर आए’’ प्रस्तुत की जिसे दर्शकों ने खूब सराहा ।

कार्यक्रम के अंत में पदम भूषण स्वर्गीय पंडित राजन मिश्रा को समर्पित रचना ‘‘जगत में झूठी देखी प्रीत’’ पेश करके माहौल को यादगारी बना दिया । इनके साथ तबले पर जाने माने तबला वादक आविर्भाव वर्मा और हारमोनियम पर उत्कृष्ट हारमोनियम वादक तरुण जोशी ने बखूबी संगत की ।

कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को मोमेंटो और उतरीयो देकर सम्मानित किया गया ।