CHANDIGARH,18.08.21-प्राचीन कला केंद्र द्वारा आयोजित किए जा रहे ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव के तीसरे दिन’’ चण्डीगढ़ के युवा एवं प्रतिभाशाली शास्त्रीय गायक अतुल कुमार दूबे ने अपने गायन से संगीत प्रेमियों को संगीत के सुरों से सराबोर कर दिया । कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त केंद्र के सोशल मीडिया पेज,यूटयूब एवं फेसबुक पर भी इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा ।
अतुल दूबे शहर का युवा प्रतिभाशाली कलाकार है । चण्डीगढ़ स्कूल में कार्यरत अतुल ने संगीत की शिक्षा श्री सत्या साईं मीरपुरी कालेज ऑफ म्यूजिक,प्रशांति निलयम आंध्र प्रदेश से प्राप्त की । प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने गुरू श्रीमती कुमुदनी मुंडुकर से प्राप्त की । उपरांत बहुत से महान गुरूओं के सान्निध्य में संगीत की शिक्षा ग्रहण की जिनमें प्रमुख तौर से फालगुनी मिश्रा,श्रीमती सुमित्रा गुहा,श्री पार्थ प्रतिमदास एवं पदमश्री श्री हरिहरन उल्लेखनीय हैं । अतुल ने बहुत से कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीता है ।

आज के कार्यक्रम की शुरूआत अतुल ने राग यमन से की जिसमें आलाप से शुरू करके उन्होंने विलम्बित लय,रूपक ताल से सजी बंदिश ‘‘हरूआ गूॅथा’’ पेश की । उपरांत द्रुत एक ताल में निबद्ध रचना ‘‘पहचानो सुर की महिमा’’ प्रस्तुत की । कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अतुल ने तीन ताल से सजी रचना ‘‘गागर न भरन दे’’ पेश की । इसके पश्चात अतुल ने राग मेघ में बंदिश ‘‘गगन गरजे चमकत दामनी’’ पेश की । कार्यक्रम के अंतिम भाग में अतुल ने सुरीले भजनों से दर्शकों को भक्ति रस से सराबोर कर दिया ।उन्होंने राग मिश्र किरवानी में ‘‘कैसे जादू डारी’’ पेश करके दर्शकों की खूब तालियां बटोरी । उपरांत ‘‘साईं तेरी याद महासुखदायी’’ पेश किया । जिस पर दर्शक झूम उठे । कार्यक्रम के समापन पर अतुल ने एक जोरदार कर्नाटक स्टाईल में भजन पेश किया ।
इनके साथ मंच पर तबले पर आविर्भाव एवं हारमोनियम पर तरुण जोशी ने बखूबी संगत की ।

कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को मोमेंटो और उतरीया देकर सम्मानित किया गया ।