सोलन-दिनांक 29.07.2020
कृषि विभाग द्वारा ‘फाल आर्मी वोर्म’ कीड़े से बचाव के लिए परामर्श जारी

सोलन जिला में मक्की की फसल को ‘फाल आर्मी वोर्म’ नामक कीड़े के प्रकोप से बचाने के लिए कृषि विभाग ने किसानों के लिए परामर्श जारी किया है। यह जानकारी आज यहां कृषि उपनिदेशक डाॅ. राजेश कौशिक ने दी।
डाॅ. राजेश कौशिक ने कहा कि सोलन जिला के निचले क्षेत्रों में इस कीट का अधिक प्रकोप देखने को मिला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला में लगभग 4750 हैक्टेयर मक्की की फसल में खेतों के बीच-बीच में स्थानीय पैच के रूप में 10 से 15 प्रतिशत पौधे इस कीड़े से ग्रस्त पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि ‘फाल आर्मी वोर्म’ नामक कीड़े से मक्की की फसल को बचाने के लिए किसान अपनी फसल का नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि यदि खेत में मक्की के 5 प्रतिशत से अधिक पौधों पर ‘फाल आर्मी वोर्म’ नामक कीड़े का प्रकोप पाया जाता है तो इसके नियंत्रण के लिए उपाय आरम्भ कर दें।
डाॅ. राजेश कौशिक ने कहा कि किसान इस कीड़े से ग्रसित पौधों के सबसे उपरी पत्ते अथवा मध्य छल्ले में खेत की मिटटी, रेत या राख भरें। यदि तदोपरांत बारिश न हो तो उनमें पानी भर दें। ऐसा करने से सुंडियां मर जाएंगी। उन्हांेने कहा कि खेत में प्रकाश प्रपंच तथा फेरोमोन ट्रैप स्थापित करें। जैविक कीटनाशकों जैसे बीटी (2 ग्राम प्रति लीटर पानी), नीम आधारित कीटनाशक (2 मिली लीटर प्रति लीटर पानी), फफूंद आधारित कीटनाशकों मेटारहीजीयम (5 ग्राम प्रति लीटर पानी) इत्यादि का उपयोंग करें।
डाॅ. राजेश कौशिक ने कहा कि किसान मक्की की फसल में परजीवियों जैसे ट्राइकोग्रेम्मा, कोटेशिया, टेलीनोमस इत्यदि की संख्या बढ़ाने के लिए इनमें प्रयोगशाला में तैयार परजीवियों के अंडे छोड़ें।
उन्होंने कहा कि यदि इन उपायों के बाद भी ‘फाल आर्मी वोर्म’ का प्रकोप कम नहीं होता है तो अंतिम उपाय के रूप में रसायनों जैसे स्पाईनोसैड (0.3 मिली लीटर प्रति लीटर पानी), कलोरनट्रेनिलिप्रोल (0.3 मिली लीटर प्रति लीटर पानी), एमाबेक्टीन बेन्जोएट (0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी), थायोडीकार्ब (2 ग्राम प्रति लीटर पानी), फ्लूबेंडामाइड (0.3 मिली लीटर प्रति लीटर पानी) या थाओमिथेक्सोन एवं लैम्ब्डा साईंहेलोथ्रिन (0.25 मिली लीटर प्रति लीटर पानी) में मिला कर ग्रसित पौधों के सबसे उपरी पत्ते अथवा मध्य छल्ले में भरें।
उन्होंने कहा कि ग्रसित पौधों के अवशेष खेत में न छोड़ें नहीं तो इससे दूसरी फसल को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि शोध के अनुसार यह कीड़ा 80 से ज्यादा फसलों को हानि पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मक्की की फसल के साथ उड़द, लोबिया इत्यादि दाल की फसल अवश्य लगाएं।ऐसी मिश्रित फसल में फाल आर्मी वोर्म कीड़े का प्रकोप कम होता है और मक्की की फसल को दलहन फसल से नत्रजन निःशुल्क प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि मक्की की फसल के चारों और 3-4 लाइनें नेपियर घास की ट्रैप फसल के रूप में मुख्य फसल से 10 दिन पहले लगाएं ताकि वहां पर ‘फाल आर्मी वोर्म’ कीड़े की उपस्थिति होते ही उन्हें ट्रैप करके वहीं समाप्त कर दिया जाए।
कृषि उपनिदेशक ने कहा कि यह कीड़ा दक्षिण अमेरिका में पाया जाता था परन्तु कुछ वर्ष पहले यह अफ्रीकी देशों से होते हुए भारत में कर्नाटक राज्य पहुंचा और वहां से उत्तरी पूर्वी राज्यों में पहुंचने के बाद अब उत्तरी राज्यों में भी पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नत्रजन के अधिक उपयोग के कारण पौधों की रोगों और कीटों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है। इस कारण विभिन्न प्रकार के रोग और कीड़े फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं।
सोलन जिला में लगभग 23,500 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की खेती की जाती है। जिला का मक्की उत्पादन लगभग 58750 मीट्रिक टन है।

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सोलन - दिनांक 29.07.2020
चम्बाघाट में नो-पार्किंग जोन के सम्बन्ध में आदेश

जिला दण्डाधिकारी सोलन केसी चमन ने जिला के चम्बाघाट में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न मार्गों को नो-पार्किंग जोन घोषित करने के सम्बन्ध में आदेश जारी किए हैं। यह आदेश मोटर वाहर अधिनियम 1988 की धारा 115 एवं 117, सड़क नियमन 1989 के नियम 15 तथा हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 184 एवं 196 के तहत जारी किए गए हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने औद्योगिक क्षेत्र चम्बाघाट में रेलवे क्राॅसिंग चम्बाघाट से लीनस लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटिड तक के मार्ग एवं जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय के पीछे स्थित शेड नम्बर 6 एवं 7 तक जाने वाले मार्ग को नो-पार्किंग जोन घोषित किया है।
जिला दण्डाधिकारी ने इलैक्ट्राॅनिक काॅम्पलेक्स चम्बाघाट में वर्षा शालिका चम्बाघाट से बावरा एवं एचएफसीएल की सीमा तक मार्ग को भी नो-पार्किंग जोन घोषित किया है।
इन आदेशों के अनुसार चम्बाघाट में घोषित नो-पार्किंग जोन को सभी प्रकार के वाहनों के लिए नो-पार्किंग घोषित किया गया है। यह आदेश एम्बुलेंस, अग्निशमन, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए प्रयुक्त वाहन तथा सरकारी वाहनों पर लागू नहीं होंगे।

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SOLAN,दिनांक 29.07.2020
सोलन जिला से आज कोरोना संक्रमण जांच के लिए भेजे गए 455 सैम्पल

सोलन जिला से आज कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के लिए 455 व्यक्तियों के सैम्पल केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली भेजे गए। यह जानकारी आज यहां जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एनके गुप्ता ने दी।
डाॅ. गुप्ता ने कहा कि इन 455 सैम्पल में से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नालागढ़ से 116, नागरिक अस्पताल बद्दी से 53, ईएसआई काठा से 57, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन से 55, एमएमयू कुम्हारहट्टी से 50, नागरिक अस्पताल कण्डाघाट से 11, नागरिक अस्पताल अर्की से 49, ईएसआई परवाणू से 09, ईएसआई बरोटीवाला से 33 तथा ईएसआई झाड़माजरी से 22 सैम्पल कोरोना वायरस संक्रमण जांच के लिए भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि गत दिवस प्राप्त सैंपल रिपोर्ट के अनुसार जिला में कोरोना वायरस संक्रमण के 03 और रोगी पाए गए हैं। जिला में अभी तक कुल 566 रोगी कोविड-19 पाॅजिटिव आए हैं।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में जिला में कोविड-19 के 355 रोगी सक्रिय हैं। इन सभी का विभिन्न कोविड केयर केन्द्रों में उपचार किया जा रहा है। वर्तमान में सोलन जिला में 1589 लोगों को घर पर व 555 लोगों को विभिन्न संस्थागत क्वारेन्टीन किया गया है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों से आग्रह किया कि वे क्वारेनटाइन सम्बन्धी दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करें। उन्होंने कहा कि इन नियमों की अनुपालना न केवल बाहर से आने वाले व्यक्तियों के परिवारों अपितु समाज को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने में सहायक सिद्ध होगी।
डाॅ. गुप्ता ने सभी से आग्रह किया कि खांसी, जुखाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर शीघ्र समीप के स्वास्थ्य संस्थान से सम्पर्क करें। इस सम्बन्ध में किसी भी सहायता के लिए हैल्पलाईन नम्बर 104 तथा दूरभाष नम्बर 221234 पर सम्पर्क किया जा सकता है।