वरिष्ठ नागरिक बैंकर्स ने पेंशन विसंगतियां दूर करने का आह्वान किया
July 14, 2019 09:23 PM
वरिष्ठ नागरिक बैंकर्स ने पेंशन विसंगतियां दूर करने का आह्वान किया
चंडीगढ़,(सुनीता शास्त्री)14.07.19- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सेवानिवृत्त अधिकारियों के विभिन्न संघों ने पेंशन विसंगतियों के उनके लंबित मुद्दों और मेडिकल रिइम्बर्समेंट या चिकित्सा प्रतिपूर्ति से संबंधित परेशानी भरी नीतियों की विसंगतियां दूर करने का आह्वान किया।आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।जिसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया पंजाब नेशनल बैंक रिटायर्ड ऑफिसर्स एसोसिएशन ने की, जिसका प्रतिनिधित्व इसके उपाध्यक्ष एच एल अग्रवाल ने किया। कई बैंकों के पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने केंद्र सरकार द्वारा पब्लिक सेक्टर बैंकों के वरिष्ठ नागरिकों (पब्लिक सेक्टर बैंकों के पेंशनरों) के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार के खिलाफ आवाज उठायी। ऑल इंडिया पंजाब नेशनल बैंक रिटायर्ड ऑफिसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एच एल अग्रवाल ने कहा, पेंशन को 1995 में इस आश्वासन के साथ शुरू किया गया था पेंशन के नियम भारत सरकार या आरबीआई नियमों की तरह ही तैयार किया जाएगा। आज तक ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा, हालांकि काम करने वाले कर्मचारियों के लिए वेतन बढ़ता रहा, लेकिन पेंशन में संशोधन कभी नहीं हुआ। इसने एक विसंगति पैदा कर दी, जिसके कारण एक ऐसी स्थिति आ गयी है, जहां पहले रिटायर हुए एक मैनेजर की पेंशन आज रिटायर होने वाले चपरासी की पेंशन से भी कम हो गयी है।आगे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, 1995 से पेंशन संशोधन कभी नहीं हुआ। तब से पेंशनभोगियों के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई, जिसने प्रारंभिक सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन और बाद की तारीख में सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन में भेदभाव पैदा किया। मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन गोगोई और पीएम श्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पेंशनभोगियों (वरिष्ठ नागरिकों) की पेंशन के मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर हस्तक्षेप करके इस हल करें, एचएल अग्रवाल, अखिल भारतीय पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में कहा कि पेंशन जारी न होने के कारण विभिन्न बैंकों के पेंशनरों ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला।रिटायर्ड ऑफिसर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के, पीएनबी के एरिया प्रेसिडेंट, कुलदीप गुप्ता ने कहा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पेंशन में संशोधन की हमारी लंबे समय से मांग लंबित है। जैसा कि हम 25 से अधिक वर्षों से उपेक्षित हैं, इसलिए हम मांग करते हैं कि उच्च अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखें और हमें न्याय प्रदान करें। एक अन्य पदाधिकारी ने कहा, हम सेवानिवृत्त अधिकारियों को यथोचित रूप से अच्छा जीवन जीने के लिए पारिवारिक पेंशन 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की मांग करते हैं। सदस्यों ने काम करने वाले और गैर-कामगार कर्मचारियों को प्रदान की जा रही चिकित्सा सुविधा में भेदभाव को रोकने की मांग की।उन्होंने बैंक लागत पर स्वास्थ्य बीमा कवर द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कवर करने की मांग की। वर्तमान प्रीमियम अतार्किक और उलझनभरा है। वर्तमान नीति में, सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए उनके द्वारा प्राप्त की गई मामूली पेंशन से भारी भरकम प्रीमियम भरना मुश्किल हो रहा है।सदस्यों ने उम्मीद जतायी कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद उनकी शिकायतों को जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा।अग्रवाल ने बताया कि पीएमओ ने सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग (बैंकिंग डिवीजन) को प्रारंभिक कार्रवाई के लिए पत्र प्रेषित कर दिया है, जिसने इसे आगे आईबीए (भारतीय बैंक संघ) को फॉर्वर्ड कर दिया है। हालांकि, जब सेवानिवृत्त बैंकरों ने आईबीए अधिकारियों से पूछताछ की तो उन्होंने इस मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ लिया और वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं से आंखें फेर लीं। वित्त मंत्रालय और आईबीए (इंडियन बैंक्स एसोसिएशन) के ऐसे रवैये के कारण ही यह मुद्दा पिछले 25 वर्षों से लटका पड़ा है जो पेंशनभोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
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