कुल्लू, 24 अप्रैल। कुल्लू के पारम्परिक गीतों पर आधारित कार्यक्रम 'राग'
का आयोजन 24 अप्रैल को कुल्लू-मण्डी जिलों की सीमा पर स्थित ऐतिहासिक
गांव रोपा में किया गया, जिसमें दर्जनों छात्रों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियां
दीं। यह कार्यक्रम हिमतरू प्रकाशन समिति द्वारा जिला सांस्कृतिक परिषद्, कुल्लू

तथा ग्लोबल विलेज स्कूल के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में चर्चित लोकगायिका एवं लेखिका कृष्णा ठाकुर मुख्य-अतिथि थीं जबकि चर्चित लेखक गणेश ग़नी समारोह की अध्यक्षता
की।
हिमतरू प्रकाशन समिति के सचिव किशन श्रीमान ने जानकारी दी कि प्रत्येक
वर्ष की भांति इस बार भी कुल्लुवी लोकगीतों के संरक्षण एवं सम्वर्द्धन के
उद्देश्य से रोपा में एक भव्य लोकगीतों पर आधारित कार्यक्रम 'राग' का
आयोजन किया गया, जिसमें घाटी के नवोदितों एवं स्थापित कलाकारों एवं छात्रों
द्वारा
लोकगीतों की बेहतरीन प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में ग्लोबल विलेज स्कूल
रोपा एवं गड़सा, राजकीय माध्यमिक पाठशाला दारल-रोपा के 24 छात्र- छात्राओं ने
अपनी प्रस्तुति दीं। इस दौरान लोकगीतों की प्रतियोगिता भी करवाई गई। विजेता
छात्रों में ईशिता, एंलज, सुनैयना और मुस्कान प्रथम, रोहित, सरिता, सुमन और
सुकृति द्वितीय तथा अर्पना, खुश्बू , अनिशा और सोनाली तृतीय रहे। कार्यक्रम के
अध्यक्ष गणेश गन्नी ने अतिथियों का स्वागत किया तथा हिमतरु के उद्देश्य बारे
अवगत करवाया। मुख्य अतिथि कृष्णा ठाकुर ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ देते
हुए उन्हें लोकगीतों के महत्व को लेकर इनके प्रचार- प्रसार को लेकर जागरुक
किया। उन्होंने कहा कि लोकगीत सचमुच में
हमारे जीवन-विकास की गाथा हैं। उनमें जीवन के सुख-दु:ख मिलन-विरह,
उतार-चढ़ाव की भावनाएँ व्यक्त हुई हैं। सामाजिक रीति एवं कुरीतियों के भाव
इन लोकगीतों में हैं। इनमें जीवन की सरल अनुभूतियों एवं भावों की गहराई
है, इसलिए इनका संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार अति-आवश्यक है और हिमतरू भी
इसी दिशा में प्रयासरत् है। उन्होंने हिमतरु प्रकाशन समिति के प्रयासों की
सराहना करते हुए इस अभियान को निरंतर जारी रखने की अपील की।