चंडीगढ़ 04 दिसंबर:-देश की रक्षा और सुरक्षा की खातिर 1965 और 1971 की जंग का हिस्सा रहे एस एस सी एक्स सर्विसमैन अब अपने हक के लिए दर दर भटक रहे है। पेंशन और मेडिकल बेनिफिट्स पाने के लिए ये देश के रक्षा मंत्री और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ से मिल गुहार लगा चुके है। लेकिन इतने वर्षों की हक की लड़ाई के बाबजूद भी अभी इन्हें कुछ हासिल नही हुआ।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में कैप्टेन जसपाल सिंह और कैप्टेन आर के भारद्वाज एवम अन्य एक्स सर्विसमैन ऑफिसर्स ने बताया कि वो लोग आर्मी में शार्ट सर्विस कमीशन के तहत भर्ती हुए थे। आर्मी में 5 साल सेवा देने के बाद जब उन्हें पता चला की वो सब पेंशन और मेडिकल बेनेफिट्स के लिए हकदार ही नही है। बल्कि वो तो सिविलियन हैं। इसलिए उन्हें ये सब हक नही मिल सकते। अपने हक को पाने के लिए उन्होंने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और रक्षा मन्त्री से 2-2 बार मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। लेकिन उनकी तरफ से उन्हें कोई वाज़िब जवाब नही मिला। इस सब को देझते हुए अब उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यलय में भी अपने हकों को जल्द से जल्द लागू किये जाने को लेकर गुहार लगाने की सोची है।उन्होंने आगे बताया कि इमरजेंसी सर्विस और एस एस सी के पूर्व सैनिकों द्वारा बहुत सारे गैलेंट्री अवार्ड भी जीते जा चुके है, जिसमे कई ने तो परमवीर चक्र, वीर चक्र, और अशोक चक्र भी हासिल किए है।

उन्होंने आगे कहा कि यहाँ ये भी बताने योग्य है कि उनसे अच्छे तो इमरजेंसी के दौरान पकड़े गए नेता है, जिनको सरकारों ने अपने अपने प्रदेश में पेंशन और मेडिकल सुविधा दी हुई है। उन्होंने अपने साथ हो रहे भेदभाव के बारे में बताया की 2015 में सरकार की तरफ से दिया गया ओ आर ओ पी का लाभ इमरजेंसी सर्विस और एस एस सी के पूर्व सैनिकों को भी मिलना चाहिए। क्योंकि इन सैनिकों ने भी देश की सुरक्षा की खातिर कुर्बानी दी है