इंडियन मोबाइल कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर: भारत को दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता देश बनाने के बाद, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि जियो की फाइबर आधारित ब्रॉडबैंड पेशकश आने वाले समय में देश को दुनिया के तीन प्रमुख देशों में शामिल करवाएगी,जबकि अभी इस सूची में भारत की रैंकिंग 135 है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत मोबाइल ब्रॉडबैंड प्रवेश में 155वां रैंक से दो साल से भी कम समय में दुनिया में मोबाइल डेटा खपत में नंबर एक राष्ट्र बन गया है। देश में सस्ती दरों और कनेक्टिविटी का एक अद्वितीय संयोजन बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह 2 जी / 3 जी से 4 जी तक दुनिया में कहीं भी सबसे तेजी से आया बदलाव है। 2020 तक, मेरा मानना है कि भारत पूरी तरह से 4जी देश होगा और हम अन्यों से आगे चलते हुए 5जी के अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे।

भारत में हर फोन एक 4 जी सक्षम फोन होगा ... और प्रत्येक ग्राहक को 4 जी कनेक्टिविटी तक पहुंच होगी।

उन्होंने कहा कि जियो में, हम हर किसी और सबकुछ को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हर जगह, हमेशा उच्चतम गुणवत्ता और सबसे किफायती मूल्य के साथ और ये सभी सेवाएं सबसे सस्ती दरों पर प्रदान की जाएंगी।

रिलायंस जियो, जिसने साल 2016 में बेहद सस्ते डेटा के साथ बंडल किए गए मुफ्त कॉल और एसएमएस के साथ दूरसंचार उद्योग में एक बड़े बदलाव की शुरुआत की, अब घरों और ऑफिसज में अपनी महत्वाकांक्षी अल्ट्रा-हाई स्पीड फाइबर-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं को प्रदान करना शुरू कर दिया है।

जियो के मजबूती से किए गए प्रवेश, जो अन्य ऑपरेटरों से प्रतिस्पर्धी ऑफर्स को लाने में सहायक रही, ने भारत में मोबाइल डेटा खपत को बढ़ाया है।

इंडियन मोबाइल कांग्रेस को संबोधित करते हुए श्री मुकेश डी.अंबानी ने कहा कि ‘‘पहले दिन से ही, जियोगागाफाइबर पूरे फिक्स्ड-मोबाइल कन्वर्जेंस की पेशकश करेगा जहां भारतीय मोबाइल और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड नेटवर्क के बीच बाधारहित तौर पर ट्रेवल करेंगे, वहीं सफर के दौरान वे 5जी और घर के अंदर वाई-फाई का उपयोग कर सकेंगे।’’

उच्चतम गुणवत्ता वाले नेटवर्क के साथ हर परिसर को जोड़ने का लक्ष्य रखते हुए उन्होंने कहा कि इस कदम से मोबाइल डेटा खपत की सफलता को फिक्सड ब्रॉडबैंड में दोहराने का मौका भी मिलेगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन ने कहा कि ‘‘मेरा मानना है कि भारत 135वें रैंक से आगे बढ़ेगा और फिक्सड ब्रॉडबैंड में दुनिया के प्रमुख तीन देशों में से एक है। भारत की ये सफलता दुनिया को आश्चर्यचकित करेगी।’’

हालांकि, उन्होंने डेटा उपयोग पर सावधानी बरतने का सुझाव भी दिया।

उन्होंने कहा कि ‘‘हमें सावधान रहना होगा कि डेटा इस नई दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। और भारत और भारतीय एक विशाल मात्रा में डेटा उत्पन्न करेंगे। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस सुरक्षा संसाधन को भारत और भारतीयों के लाभ के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ उपयोग करें।’’

अंबानी, जो कि तेल से दूरसंचार क्षेत्र में कार्यरत समूह आरआईएल के प्रमुख हैं, ने कहा कि दूरसंचार उद्योग भविष्य में अभूतपूर्व विकास और रोजगार का नया दौर पैदा कर सकता है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, वर्चुअल रियलिटी और एगुमेंटेड रियलिटी जैसे नए पथ स्थापित करने वाली डिजिटल प्रौद्योगिकियों द्वारा संचालित होगा।

उन्होंने कहा कि ‘‘सार्वभौमिक कनेक्टिविटी और अत्यधिक किफायती दरों के साथ, भारत वास्तव में चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व कर सकता है।’’

उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति प्रधान मंत्री के 150 मिलियन भारतीय किसानों की आय को दोगुना करने का वादा साकार कर सकती है, आयुषमान भारत योजना का 500 मिलियन लोगों को स्वास्थ्य सेवा लाने का वादा वास्तविकता में बदल सकती है और भारतीय स्कूलों और कॉलेजों में 200 मिलियन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकती है। इसके साथ ही ये डिजिटली कनेक्टड और एआई-पॉवर्ड मार्केटप्लेसेज में छोटे दुकानदारों और छोटे उद्यमों के साथ बड़ी संख्या में नए रोजगार पैदा कर सकती है।

उन्होंने कहा कि ‘‘भारत विश्व इतिहास में लोगों के जीवन में सबसे बड़ा डिजिटल परिवर्तन लाने में सफल होगा।’’

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल बाजारों में से एक होगा और प्रत्येक उद्यम में इस बाजार में भाग लेने के लिए ‘इंडिया फर्स्ट’ दृष्टिकोण होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें इस बाजार को अपनी पूरी क्षमता में बढ़ने और पोषित करने की आवश्यकता होगी।

अंबानी ने कहा कि भारत कई बार मुश्किल दौर से बाहर आया है जब इसे देश के रूप में माना जाता है जिसमें दुनिया के सबसे गरीब लोगों की सबसे बड़ी संख्या निवास करती है।

उन्होंने कहा कि ‘‘विश्व बैंक की एक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि 2021 तक भारत में गरीबी के तहत रहने वाली 3 प्रतिशत से कम आबादी होगी। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अकेले पिछले दशक में 271 मिलियन लोगों को गरीबी रेखा के नीचे से निकाला गया है।’’

भारत विशेष रूप से दूरसंचार, आईटी और डिजिटल क्षेत्र में उद्यमियों के योगदान सहित कई कारकों के कारण दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि पहले कभी भारत ने उद्यमशीलता के इस तरह के जोरदार और बड़े उभार को नहीं देखा है।