असंध,11.10.18-किसी भी अच्छे विचार को आगे बढ़ाने के लिए सबसे अच्छी जगह शिक्षा केंद्र या विद्यालय होते हैं। शिक्षा संस्थान ऐसी जगह है जहां विचारों के पौधे उगते हैं तथा परिपक्व वृक्ष बन कर समाज को छाया देते है। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और ग्रामोदय अभियान के संयोजक प्रो. वीरेंद्र सिंह चौहान ने नवीन भारत शिक्षा संवाद के अंतर्गत डी. ए. वी. स्कूल में विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब भी डी. ए. वी. संस्था का नाम लेते हैं, तो जहन में सबसे पहला नाम महर्षि दयानंद का उभर कर आता है। उनके विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य आज डी. ए. वी. संस्थान कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिस संस्थान में आप पढ़ रहे हैं उसका अनूठा इतिहास है। भारत के स्वाधीनता संग्राम में इस संस्थान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि डी. ए. वी. एक संगठन ही नहीं बल्कि एक परंपरा है जिसे महात्मा हंसराज ने आरम्भ किया था। उस परंपरा पर इसी तरह आगे बढाते हुए वैदिक तथा आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य डी. ए. वी. विद्यालय बखूबी निभा रहे है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे संस्थान का विद्यार्थी होने पर हमें गर्व होना चाहिए ।
विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराते हुए प्रो चौहान ने कहा कि विश्व को दशमलव भारत की देन है। यदि दशमलव न होता तो चांद पर पहुंचना आसान नहीं था और विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा संस्कृत भाषा भी हमारे ऋषि मुनियों की देन है। हम वैदिक संस्कृति के ध्वजवाहक हैं केवल ये कहने से काम नहीं चलेगा। वैदिक संस्कृति का डंका पूरे संसार में बजना चाहिए। जैसे वैदिक संस्कृति से ओत- प्रोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों के अनुरूप नवीन भारत का निर्माण तभी संभव है जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे। चौहान ने कहा कि हमें फिर वैसा ही समय लाना होगा जब पूरे संसार में भारत के ज्ञान तथा वैदिक संस्कृति का बोल बाला था और लोग दूसरे देशों से यहां ज्ञान प्राप्ति के लिए आते थे। प्रधानमंत्री के नवीन भारत 2022 के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जरूरी है कि हम शुरुआत अपने परिसर से करें ।स्वच्छ भारत तथा बेहतर भारत का निर्माण तभी संभव है जब हम अपने परिसर को स्वच्छ रखेंगे।कार्यक्रम के अंत में मेरे सपनों का असंध प्रतियोगिता में विजयी रहे बच्चो को प्रमाण पत्र वितरित किए तथा उज्जवल भविष्य के लिए बधाई दी। प्रो चौहान ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जो विद्यार्थी इस प्रतियोगिता में विजयी नहीं रहे, वह भी बधाई के पात्र है क्योंकि उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने की कोशिश की है। मंच संचालन नीलम हुड्डा ने किया तथा इस अवसर पर डॉ बूटी राम, चेयरपर्सन प्रदीप गोयल,प्रधानाचार्य सुखपाल सिंह मान, पी टी आई साहब सिंह ,लेखाकार संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।