CHANDIGARH,10.11.22-प्राचीन कला केन्द्र के नियमित मासिक बैठकों की श्रृंखला में आज केन्द्र की 278वीं मासिक बैठक का आयोजन केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में आज सायं 6 बजे से किया गया । आज के कार्यक्रम में गुड़गांव से आई कत्थक नृत्यांगना नयनिका घोष ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया । इनके साथ युवा एवं प्रतिभावान कलाकारों ने संगत करके कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए ।

आज की कलाकार नयनिका ने अल्पायु से ही कत्थक सीखना शुरू किया । इन्होंने कई दिग्गज गुरूओं की छत्रछाया में अपनी इस कला को निखारा और संवारा । इन्होंने पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज,पंडित विजय शंकर सरीखे गुरूओं के शिष्यत्व में कत्थक में प्रवीणता प्राप्त की । केन्द्र से विशारद का डिप्लोमा करने वाली नयनिका आज युवा कत्थक कलाकारों में अपनी पहचान बना चुकी है । इन्होंने ने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया
है ।

आज के कार्यक्रम की शुरूआत शिव वंदना से की जो कि राग अडाना में निबद्ध था । इस वंदना के बोल थे - शिव शिव शंकर आदिदेवा । इस प्रस्तुति में नयनिका ने भगवान शिव की स्तुति करते हुए सुंदर भावों का प्रदर्शन किया । इसके उपरांत शुद्ध कत्थक नृत्य प्रस्तुति दी गई जिसमें 14 मात्रा में निबद्ध धमार प्रस्तुत किया । इसमें तोड़े,टुकड़े,चालें इत्यादि का प्रदर्शन किया गया । इसके पश्चात तीन ताल में शुद्ध कत्थक की प्रस्तुति द्वारा नयनिका ने अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन किया एवं दर्शकों की तालियां बटोरी । इसके उपरांत ताल पक्ष पर आधारित नृत्य जो कि तबला के साथ सवाल जवाब पर आधारित था पेश किया । इन्होंने थाली पर नृत्य करके दर्शकों की प्रशंसा हासिल की ।

कार्यक्रम के अंत में नयनिका ने एक ठुमरी पेश की । खमाज और देश राग से सजी इस ठुमरी को सूफी रंग में भी रंगा गया । इसके बोल थे ‘‘ऐ री सखी’’ । इसमें नयनिका ने नायक नायिका के संवाद में नायिका की सखी की भूमिका का खूबसूरत चित्रण अपने नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया ।

नयनिका के साथ आज तबले पर मोहित गंगानी,पखावज पर आशीष गंगानी,गायन पर सोहेब हसन एवं सारंगी पर विनायक सहाए ने बखूबी संगत की । कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार एवं वरिष्ठ कत्थक गुरू डॉ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।