करनाल , 27.08.22-अच्छी और उपयोगी पुस्तकें सभी को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की है जिसमें आठ करोड़ से ज्यादा पुस्तकें ई-बुक्स के तौर पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अच्छी पुस्तकें सिर्फ करियर के लिहाज से ही उपयोगी नहीं हैं, बल्कि इन्हें पढ़ने से हमारी सोच भी परिष्कृत होती है। इसलिए नियमित रूप से पुस्तकों का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। उपरोक्त उद्गार हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने असंध तहसील के फफड़ाना स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनशीलता जनचेतना अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे।

डॉ. चौहान ने विश्व की प्रमुख शख्सियतों शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, फेसबुक के मार्क ज़ुकरबर्ग, टेस्ला के एलन मस्क, माइक्रोसॉफ्ट के बिलगेट्स और व्यवसाई वारेन बफेट का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियों के पीछे पुस्तकें पढ़ने की आदत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती हैं। नियमित रूप से पुस्तकें पढ़ने की आदत हमें निश्चित रूप से सफल लोगों की श्रेणी में खड़ा कर देगी। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रतिदिन किसी भी पुस्तक का कम से कम एक या दो पृष्ठ जरूर पढ़ने के लिए कहा।

डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वेद विश्व की प्राचीनतम पुस्तकें हैं। मानव सभ्यता के प्रारंभिक दौर में पुस्तकें स्थूल रूप में मौजूद नहीं थीं। स्मरण शक्ति के आधार पर इनका एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संचार होता था। बाद में ताड़ के पत्तों या ताम्रपत्र पर वैदिक ऋचाएं लिखी जाने लगीं। फिर कागज का दौर आया। पुस्तकें मूर्त रूप में संकलित होने लगीं जो अब भी जारी है। तकनीकी उन्नयन के क्रम में अब डिजिटल पुस्तकों का दौर है जो इंटरनेट पर सहज उपलब्ध है।

इस अवसर पर प्राध्यापक सलिंदर ने भी विद्यार्थियों को संबोधित कर उन्हें पुस्तकों का अधिक से अधिक लाभ उठाने की सलाह दी। मंच पर अपने विचार रखने वाले सभी विद्यार्थियों को ग्रंथ अकादमी की ओर से प्रमाण पत्र वितरित किए गए।