CHANDIGARH,11.08.22-चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि देश की जानी मानी सांगीतिक संस्था प्राचीन कला केन्द्र पिछले 23 वर्षों से लगातार मासिक बैठकों का निरंतर आयोजन करता आ रहा है जिसमें देशभर से ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे विभिन्न शास्त्रीय कलाओं में पारंगत कलाकार भाग ले चुके हैं । इन बैठकों में वरिष्ठ कलाकारों से लेकर उभरते कलाकारों ने अपनी खूबसूरत प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों का मनोरंजन किया है और ये सिलसिला आज भी जारी है।

आज की बैठक में दिल्ली की युवा एवं प्रतिभावान कत्थक नृत्यांगना अंजलि मुंजाल ने खूबसूरत कत्थक नृत्य की प्रस्तुति पेश की । अंजलि अल्पायु से ही कत्थक नृत्य सीख रही है । उन्होंने कत्थक की विधिवत शिक्षा अपने गुरु विधा लाल से प्राप्त की है । अंजलि के नृत्य में उनका कठिन परिश्रम,रियाज़ और अभिनय अंग पर खास पकड़ उन्हें संगीत जगत में नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण पहलू रहा है ।

अंजलि ने कार्यक्रम की शुरूआत श्री गणेश वंदना से की जिस में अंजलि ने नृत्य के माध्यम से भगवन गणेश को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये उपरांत अंजलि ने शुद्ध पारम्परिक कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया जिस में तीन ताल में निबद्ध आमद , परन, तिहाई,तोड़े,टुकड़े,गत निकास,चक्र लड़ी आदि प्रस्तुत किया ।

कार्यक्रम का समापन अंजलि ने एक खूबसूरत रचना "बिजुरी चमके " से किया जोकि मौसम के अनुसार राग मिया मल्हार में निबद्ध थी । इसके उपरांत अंजलि ने कुछ पारम्परिक बंदिशें भी पेश की। अंजलि ने अभिनय अंग,पैरों की चालों एवं नृत्य की खूबसूरत मुद्राओं से कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए ।
अंजलि के साथ अमान अली ने तबले पर , आमिर अली ने सारंगी पर और सुहेब हसन ने गायन पर और सोनम यादव ने पडंत
पर बखूबी संगत की

कार्यक्रम के अंत में केंद्र की रजिस्ट्रार डॉ शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया