करनाल,18.02.21- । परिवार पहचान पत्र बनवाना सभी के लिए लाभ का सौदा है । अगर परिवार पहचान पत्र बन गया तो परिवार पहचान आईडी सभी पेंशनरों के रिकॉर्ड में स्वतः अपडेट हो जाएगी। इसे एक कागज के रूप में ले जाकर जमा करने की भी आवश्यकता नहीं है। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान और करनाल जिले के समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलोड के मध्य रेडियो ग्रामोदय के आयोजन में हुई वार्ता में यह बात सामने आई ।

अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. चौहान और समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलोड ने कार्यक्रम में परिवार पहचान पत्र को आवश्यक बताते हुए स्पष्ट किया कि करनाल जिले में लगभग 1,81,000 पेंशनर है जिनमें से 1,65,000 परिवार पहचान पत्र बनवा चुके हैं । किसी भी असुविधा से बचने के लिए शेष को भी शीघ्रता पूर्वक परिवार पहचान पत्र बनवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र पेंशन धारकों को तो पेंशन लेने में असुविधा से बचने हेतु यह आवश्यक है ही साथ ही साथ अन्य लोगों को भी अनेक योजनाओं का लाभ लेने में मददगार है।

आधार कार्ड के अनुसार पेंशन निर्धारण को लेकर एक वायरल पोस्ट से उठे प्रश्न के उत्तर में डॉ. चौहान द्वारा की गई चर्चा से स्पष्ट हुआ कि आधार कार्ड एक दस्तावेज के रूप में तो स्वीकार्य है किंतु उस में वर्णित जन्मतिथि पेंशन की आयु की गणना का आधार नहीं है।

पेंशन हेतु आवश्यक दस्तावेजों के प्रश्न के जवाब में सत्यवान ढिलोड ने बताया कि परिवार पहचान आईडी के साथ पेंशन के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो व जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।

प्रश्नों के क्रम में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. चौहान द्वारा ग्राम वासियों के दिव्यांग संतान की पेंशन से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि दिव्यांग संतान के 18 वर्ष से कम आयु के होने पर उसे दिव्यांग छात्रवृत्ति मिलेगी जिसका आवेदन विद्यालय के माध्यम से होगा तथा 18 वर्ष से अधिक आयु का होने के उपरांत ही दिव्यांग संतान को दिव्यांग पेंशन मिल पाएगी।